lalittripathi@rediffmail.com

Stories

Stories

लड़की की समझदारी

लड़की की समझदारी एक छोटे व्यापारी ने साहूकार से उधार में रुपए लिए किंतु निश्चित समय पर लौटा नहीं पाया। साहूकार बूढा और बदसूरत था लेकिन वह व्यापारी की खूबसूरत और जवान बेटी पर निगाह रखता था।साहूकार ने व्यापारी से...

Stories

संगती

संगती एक बार एक शिकारी शिकार करने गया, शिकार नहीं मिला, थकान हुई और एक वृक्ष के नीचे आकर सो गया। पवन का वेग अधिक था, तो वृक्ष की छाया कभी कम-ज्यादा हो रही थी, डालियों के यहाँ-वहाँ हिलने के...

Stories

Are you Sure

Are You Sure अभी कुछ देर पहले ही मैं अपने फोन से कुछ Images (फोटो ) को Delete कर रहा था तो फोन ने मुझसे पूछा "Are You Sure ?" मैं अचरज में पड़ गया कि एक मशीन भी अपने...

Stories

अभिमान की दशा

अभिमान की दशा अभिमान न क्षमा माँगने देता है और न क्षमा करने देता है। यह मनुष्य को पल-पल प्रतिशोध की अग्नि में जलाता रहता है। क्षमा कर दो या या क्षमा मांग लो, जीवन की बहुत सारी समस्याएं स्वतः...

Stories

मूर्ति पूजा

मूर्ति पूजाकिसी धर्म सभा में एक बार एक कुटिल और दुष्ट व्यक्ति, मूर्ति पूजा का उपहास कर रहा था, “मूर्ख लोग मूर्ति पूजा करते हैं। एक पत्थर को पूजते हैं। पत्थर तो निर्जीव है। जैसे कोई भी पत्थर। हम तो...

Stories

किस्मत की दस्तक

किस्मत की दस्तक कुन्दनलाल सारा दिन धूप में इधर-उधर घूम-फिर कर टूटा-फूटा सामान और कबाड़ जमा करता और फिर शाम को उसे बड़े कबाड़ी की दुकान पर बेचकर पेट भरने लायक कमा लेता था। एक दिन वह एक घर से...

Stories

वाह वाह की भूख

वाह वाह की भूखएक बार संगत में एक भाई आने लगा वो गीत बहुत सुंदर गाता था, सारी संगत प्रसन्न हो जाती थी। एक बार संयोजन महात्मा का आगमन हुआ ,मुखी महात्मा ने कहा कि ये गीतकार महात्मा बहुत अच्छे...

Stories

अंगद जी और अक्षय कुमार

अंगद जी और अक्षय कुमार हनुमान जी और अंगद जी दोनों ही समुद्र लाँघने में सक्षम थे, फिर पहले हनुमान जी लंका क्यों गए???...."अंगद कहइ जाउँ मैं पारा।  जियँ संसय कछु फिरती बारा॥" अंगद जी बुद्धि और बल में बाली...

Stories

ढपोलशंख

ढपोलशंख एक गृहस्थ ने साधु-बाबा की बहुत सेवा की थी । साधुबाबा के पास पद्म नामका एक छोटा सा शंख था , जब गृहस्थ साधु के आश्रम से घर लौटने लगा तो साधु ने उसकी सेवा से प्रसन्न हो कर...

Stories

पाप का फल

पाप का फल मनुष्य को ऐसी शंका नहीं करनी चाहिये कि मेरा पाप तो कम था पर दण्ड अधिक भोगना पडा अथवा मैंने पाप तो किया नहीं पर दण्ड मुझे मिल गया! कारण कि यह सर्वज्ञ, सर्वसुहृद्, सर्वसमर्थ भगवान् का...

1 5 6 7 99
Page 6 of 99