जिसके सपने बड़े हों वो छोटी – मोटी बहस में नहीं पड़ते
जिसके सपने बड़े हों वो छोटी – मोटी बहस में नहीं पड़ते एक करोड़पति ने अपने बड़े से घर की रक्षा के लिए एक कुत्ता पाला। उसके घर के दरवाजे दो तरफ से खुलते थे - आगे से भी और...
जिसके सपने बड़े हों वो छोटी – मोटी बहस में नहीं पड़ते एक करोड़पति ने अपने बड़े से घर की रक्षा के लिए एक कुत्ता पाला। उसके घर के दरवाजे दो तरफ से खुलते थे - आगे से भी और...
सेवाभावी-की-कसौटी स्वामीजी का प्रवचन समाप्त हुआ। अपने प्रवचन में उन्होंने सेवा-धर्म की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला और अन्त में यह निवेदन भी किया कि जो इस मार्ग पर चलने के इच्छुक हों, वह मेरे कार्य में सहयोगी हो...
आत्मा का कल्याणएक बनिया था, उसका व्यापार काफी जोरों से चल रहा था! किन्तु उसके दिल में साधू-संतो के प्रति प्यार की भावना थी! अतः आये गए अथितियों की सेवा भी करता था!एक बार एक साधू उसके घर पर आकर...
गजानन एकदन्त होने के पीछे अभूतपूर्व रहस्य कार्तवीर्य को परशुराम जी वध करने के बाद उसके सौ पुत्र मिलकर परशुराम जी को मारने के लिए मैदान में उतर गए थे। परिणाम स्वरूप परशुराम जी के दिव्य फरसे से उन...
ईमानदारी और सत्यनिष्ठा एक विद्वान साधु थे जो दुनियादारी से दूर रहते थे। वह अपनी ईमानदारी, सेवा तथा ज्ञान के लिए प्रसिद्ध थे। एक बार वह पानी के जहाज से लंबी यात्रा पर निकले। उन्होंने यात्रा में खर्च के...
धर्म की रक्षा के लिए कठोर बनना होगा - श्रीकृष्ण भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले," पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव…? उनका ध्यान रखना , परिवार के बुजुर्गों से रिक्त हो चुके राजप्रासाद में उन्हें अब...
पितृदोष क्या होता है? मोबाइल की स्क्रीन पर बेटे का नाम उभरते ही सावित्री चौंक गई। सालों बीत गए थे, बेटे ने सिर्फ औपचारिक बातें की थीं… वो भी फोन पर, जब उसके पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत के...
प्रभु मिलन का अवसर एक समय की बात है कि एक आदमी के पास बहुत कीमती घोड़ा था। उसको प्रतिपल यह चिन्ता लगी रहती थी कि कहीं कोई उस घोड़े को चुरा न ले जाए। एक दिन वह ऐसे नौकर...
जगत−जननी पार्वती मां और भर्तृहरि जगत−जननी पार्वती ने एक भूखे भक्त को श्मशान में चिता के अंगारों पर रोटी सेंकते देखा तो उनका कलेजा मुँह को आ गया। वह दौड़ी−दौड़ी ओघड़दानी शंकर के पास गयीं और कहने लगीं−"भगवन्! मुझे ऐसा...
दस रुपये के बदले 13 लाख सेठ ने अभी दुकान खोली ही,थी l कि :- एक औरत आई और बोली:- "सेठ जी ये अपने दस रुपये लो"..। सेठ उस गरीब सी औरत को प्रश्नवाचक नजरों से देखने लगा,जैसे पूछ रहा...