गधे के साथ बहस का दंड
गधे के साथ बहस का दंड एक दिन जंगल में गधा घास चर रहा था। अचानक वह चिल्लाया—“घास नीली है!” पास ही बाघ बैठा था। उसने आश्चर्य से कहा—“नहीं, घास तो हरी होती है, तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा?” गधे...
गधे के साथ बहस का दंड एक दिन जंगल में गधा घास चर रहा था। अचानक वह चिल्लाया—“घास नीली है!” पास ही बाघ बैठा था। उसने आश्चर्य से कहा—“नहीं, घास तो हरी होती है, तुम्हें दिखाई नहीं दे रहा?” गधे...
बुद्ध का तर्क एक बार बुद्ध से उनके एक शिष्य ने पूछा, भगवन आपने आज तक यह नहीं बताया कि मृत्यु के बाद क्या होता है। उसकी बात सुनकर बुद्ध मुस्कुराए, फिर उन्होंने उससे पूछा, पहले मेरी एक बात का...
गुरु पारस हम लौह एक गुरू ने अपने शिष्य को तलवार बाज़ी की सारी विद्या सीखा दी। गुरू बूढ़े हो चले थे , शिष्य जवान।किसी ज़माने में गुरू का लोहा पूरा गांव मानता था, पर आज शिष्य ही उन्हें चैलेंज...
सन्त हरिदास जी एक व्यक्ति एक बहुत कीमती इत्र लेकर आये थे क्योंकि उन्होंने सन्त श्री हरिदास जी महाराज और बांके बिहारी के बारे में सुना हुआ था। उनके मन में आया कि मैं बिहारी जी को ये इत्र भेंट...
नियति ये नियति का खेल है। इस तस्वीर में परेशान,बेहाल और अनमना सा दिखने वाला ये हिन्दुस्तानी लड़का एक मशहूर अदाकारा के साथ जर्मनी की एक मेट्रो में बैठा है जिसे वह नहीं जानता। देखते देखते ये तस्वीर तेज़ी से...
सुदामा सा मित्र उस दिन रविवार था किंतु सुबह नौ बजे अर्जेंट बुलावे पर मुझे अपनी कंस्ट्रक्शन कंपनी के एम॰डी की कोठी पर जाना पड़ा था । लौटते समय रास्ते में पड़ने वाले मार्केट की एक बेकरी पर मैंने...
अनूठा कैकेयी का राम प्रेम राजा दशरथ की तीसरी पत्नी कैकेयी भगवान राम से अपने बेटे भरत से भी ज्यादा प्रेम करती थीं। उन्हें राम से बहुत आशाएं थीं। जब कैकेयी ने भगवान राम से 14 वर्षों का वनवास मांगा...
पाप बेचने वाली एक बार घूमते-घूमते कालिदास बाजार गये | वहाँ एक महिला बैठी मिली | उसके पास एक मटका था और कुछ प्यालियाँ पड़ी थी | कालिदास ने उस महिला से पूछा : ” क्या बेचरही हो ?“ महिला...
करमावती करमावती नाम की 60-65 वर्ष की महिला सीर गोवर्धनपुर में रहती थी। उसका बालक रविदास की दादी लखपती के साथ बहुत प्रेम था। दादी लखपती प्राय: अपने प्रिय पौत्र को लेकर उससे मिलने जाया करती थीं। करमावती स्वयं लखपती...
नाम में क्या रखा है एक बार स्वामी विवेकानंद प्रवचन दे रहे थे। उनका विषय था - " भगवान की नाम की महिमा।" श्रोतागण भाव - विभोर होकर सुन रहे थे। तभी एक व्यक्ति खड़ा हुआ और बोला - "...