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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-311

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जय श्री राधे कृष्ण …..

तव प्रेरित मायाँ उपजाए, सृष्टि हेतु सब ग्रंथनि गाए, प्रभु आयसु जेहि कहँ जस अहई, सो तेहि भांति रहें सुख लहई ।।

भावार्थ:– आप की प्रेरणा से माया ने इन्हें सृष्टि के लिए उत्पन्न किया है । सब ग्रंथों ने यही गाया है । जिस के लिए स्वामी की जैसी आज्ञा है, वह उसी प्रकार से रहने में सुख पाता है….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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