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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-276

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जय श्री राधे कृष्ण …..

कहेहु मुखागर मूढ़ सन मम संदेसु उदार, सीता देइ मिलहु न त आवा कालु तुम्हार ।।

भावार्थ:– फिर उस मूर्ख से जबानी यह मेरा उदार (कृपा से भरा हुआ) संदेश कहना कि सीता जी को देकर उनसे (श्री राम जी से) मिलो, नहीं तो तुम्हारा काल आ गया (समझो)…….!!

दीन दयाल बिरिदु संभारी ।
हरहु नाथ मम संकट भारी ।।

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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