lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-245

83Views

जय श्री राधे कृष्ण …..

“*खल मंडली बसहु दिन राती, सखा धरम निबहइ केहि भाँती, मै जानउँ तुम्हारि सब रीती, अति नय निपुन न भाव अनीती ।।

भावार्थ:– दिन-रात दुष्टों की मंडली में बसते हो । (ऐसी दशा में) हे सखे! तुम्हारा धर्म किस प्रकार निभता है ? मैं तुम्हारी सब रीति (आचार- व्यवहार) जानता हूँ । तुम अत्यंत नीति निपुण हो, तुम्हें अनीति नहीं सुहाती……!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply