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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-196

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जय श्री राधे कृष्ण …….

श्रवन सुनी सठ ता करि बानी, बिहसा जगत बिदित अभिमानी, सभय सुभाउ नारि कर साचा, मंगल महुँ भय मन अति काचा ।।

भावार्थ:– मूर्ख और जगत प्रसिद्ध अभिमानी रावण कानों से उसकी वाणी सुन कर खूब हँसा (और बोला), स्त्रियों का स्वभाव सचमुच ही बहुत डरपोक होता है । मंगल मे भी भय करती हो । तुम्हारा मन (हृदय) बहुत ही कच्चा (कमजोर) है…..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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