भगवान श्री हरि विष्णु के चरणों का महत्व
भगवान श्री हरि विष्णु के चरणों का महत्व किसी ने बहुत सही कहा है कि भगवान के पांव में स्वर्ग समाया हुआ है। उनके चरणों जैसा पवित्र स्थान और कहीं नहीं है। यही कारण है कि लोग भगवान के चरणों...
भगवान श्री हरि विष्णु के चरणों का महत्व किसी ने बहुत सही कहा है कि भगवान के पांव में स्वर्ग समाया हुआ है। उनके चरणों जैसा पवित्र स्थान और कहीं नहीं है। यही कारण है कि लोग भगवान के चरणों...
एक दिन का ही पुण्य क्यों ? निर्जला एकादशी से अगले दिन एक भिखारी एक सज्जन की दुकान पर भीख मांगने पहुंचा। सज्जन व्यक्ति ने 1 रुपये का सिक्का निकाल कर उसे दे दिया। भिखारी को प्यास भी लगी थी,...
एयर डिफेंस सिस्टम एयर डिफेंस सिस्टम भगवान राम के समय में भी थे..❗️ रावण ने भी यह सिस्टम एक्टिवेट किए हुए थे और जिसका वर्णन श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदास जी ने किया है…..साथ ही तब रडार से बचकर निकलने की...
भलाई और शिकायत एक बार एक केकड़ा समुद्र किनारे अपनी मस्ती में चला जा रहा था और बीच बीच में रुक कर अपने पैरों के निशान देख कर खुश होता आगे बढ़ता पैरों के निशान देखता और खुश होता……इतने में...
ससुराल प्यार भरा आशियाना जिस दिन मैं अपने ससुराल आई, दिल में हज़ारों डर थे। नई जगह, नए लोग… और सबसे बड़ा डर था मेरी सास प्रेमलता जी को लेकर। सोच रही थी, अब सुबह 5 बजे उठना होगा, रोटियाँ...
बंद मुट्ठी खुशहाल परिवार की तीनों बहुएँ जब तब गुफ़्तगू करती रहती हैं... अमीर मायके वाली बड़ी बहू कहती है, "ये अम्मा जी ने बिस्तर पकड़ लिया है। पर इनकी टाँग तो ऊँची। हमारे पीछे ही पड़ी रहती है।" मझली...
आश्चर्य की बात क्या है इस संसार में आश्चर्य की बात क्या है जब आश्चर्य की बात आती है सबका ध्यान अपनी आप भी उसकी ओर केंद्रित होना प्रारंभ हो जाता है क्योंकि आश्चर्य से हर व्यक्ति साक्षात्कार करना पसंद...
पैकेजआरती दुविधा में फँस गई थी कि वेटिंग रूम से उठकर इंटरव्यू के लिए अंदर जाए या नहीं। उसने निखिल को उसी कमरे में जाते देखा था जहाँ इंटरव्यू चल रहा था। आरती के मन में बीते वर्षों की परतें...
अंतिमदर्शन चारों ओर विषैली गंध फैली थी..भीड़ मुँह ढके सारा मंजर चुप चाप देख और सुन रही थी..परंतु कह कोई कुछ नहीं रहा था..बस एक दूसरे को शांत नज़रों से देखे जा रहा था...नगर पालिका की मुर्दा गाड़ी वर्मा जी...
हथौड़े की चोट एक सेठ के पास बड़ी मिल थी। उससे बहुत सारे लोगों की जीविका चलती थी। लाखों का उत्पादन होता था और सेठजी करोड़ों में खेलते थे। अपने कर्मचारियों का भी वे समुचित ध्यान रखते थे। आखिर मिल...