lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-313

79Views

जय श्री राधे कृष्ण …..

प्रभु प्रताप मैं जाब सुखाई, उतरिहि कटकु न मोरि बड़ाई, प्रभु आग्या अपेल श्रुति गाई, करौं सो बेगि जो तुम्हहि सोहाई ।।

भावार्थ:– प्रभु के प्रताप से मैं सूख जाऊँगा और सेना पार उतर जाएगी, इसमें मेरी बड़ाई नहीं है, (मेरी मर्यादा नहीं रहेगी) । तथापि प्रभु की आज्ञा अपेल है (अर्थात आप की आज्ञा का उल्लंघन नहीं हो सकता) ऐसा वेद गाते हैं। अब आप को जो अच्छा लगे, मैं तुरंत वही करूँ…..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply