lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-286

67Views

जय श्री राधे कृष्ण …..

द्विबिद मयंद नील नल अंगद गद बिकटासि, दधिमुख केहरि निसठ सठ जामवंत बलरासि ।।

भावार्थ:– द्विविद, मयंद, नील, नल , अंगद , गद, विकटास्य, दधिमुख, केसरी, निशठ, शठ और जाम्बवान ये सभी बलों की राशि हैं…. !!

दीन दयाल बिरिदु संभारी ।
हरहु नाथ मम संकट भारी ।।

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply