जय श्री राधे कृष्ण …….
“जाकें डर अति काल डेराई, जो सुर असुर चराचर खाई, तासों बयरु कबहुं नहिं कीजै, मोरे कहें जानकी दीजै ।।
भावार्थ:- जो देवता, राक्षस और समस्त चराचर को खा जाता है, वह काल भी जिनके डर से अत्यंत डरता है, उन से कदापि वैर न करो और मेरे कहने से जानकी जी को दे दो…!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
