जय श्री राधे कृष्ण …….
“रामचंन्द्र गुन बरनैं लागा, सुनतहिं सीता कर दुख भागा, लागीं सुनैं श्रवन मन लाई आदिहु तें सब कथा सुनाई….!!
भावार्थ:- वे श्री रामचंद्र जी के गुणों का वर्णन करने लगे (जिनके) सुनते ही सीता जी का दुख भाग गया । वह कान और मन लगा कर उन्हें सुनने लगीं । हनुमान जी ने आदि से लेकर सारी कथा कह सुनायी…… ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..