जय श्री राधे कृष्ण …….
अति उतंग जलनिधि चहु पासा, कनक कोट कर परम प्रकासा……!!
भावार्थ:- वह अत्यंत ऊंचा है। उसके चारों ओर समुद्र हैं । सोने के परकोटे (चहारदीवारी) का परम प्रकाश हो रहा है…..!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

जय श्री राधे कृष्ण …….
अति उतंग जलनिधि चहु पासा, कनक कोट कर परम प्रकासा……!!
भावार्थ:- वह अत्यंत ऊंचा है। उसके चारों ओर समुद्र हैं । सोने के परकोटे (चहारदीवारी) का परम प्रकाश हो रहा है…..!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..