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मालिक ने देख लिया☺️

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मालिक ने देख लिया😊

एक मामूली सा चोर था, जो लोगों के खेतों से धान चुराया करता था। चोर के परिवार में उसकी पत्नी और उसका एक बेटा रहता था। आज पहली बार चोर ने सोचा कि अपने बेटे को भी चोरी करना सिखाना चाहिए। वह अपने बेटे को साथ लेकर एक खेत में चोरी करने गया। उसने बेटे को खेत के एक कोने पर ऊँची जगह बिठा दिया और कहा कि “ मालिक देखे तो चिल्लाकर मुझे बताना और भाग जाना।”

चोर गया खेत में और धान काटने लगा। कुछ ही देर में चोर का बेटा चिल्लाया – “ मालिक ने देख लिया……. मालिक ने देख लिया ………..।”

चोर तुरंत उठकर भागा। आगे–आगे बेटा,, पीछे–पीछे चोर। कुछ ही दूर जाने पर चोर ने देखा कि कहीं कोई नहीं है। उसने बेटे को रोका और पूछा– “अरे किसने देख लिया ?”

बेटे ने ऊपर की ओर इशारा करके कहा – “ मालिक ने देख लिया।”

चोर ने झुंझलाकर कहा – “ अरे मुर्ख! मैं उस मालिक की बात नहीं कर रहा हूँ, खेत का मालिक कहाँ है ?”

बेटा बोला– “ बाबा ! आप ही कहते है, वह सबका मालिक है। फिर खेत का मालिक मैं किसी और को क्यों मानू।”

चोर बोला – “ परन्तु बेटा ! हमें खतरा केवल इस खेत के सांसारिक मालिक से है। ऊपर वाले से हमें कोई खतरा नहीं ”

चोर का बेटा बोला – “ एक बात बताइए बाबा! क्या इस खेत का मालिक उस ऊपर वाले मालिक से बड़ा है ?”

चोर बोला – “ नहीं तो !”

बेटा बोला – “ तो फिर बाबा ! आप ही बताइए,जो कार्य इस मालिक की नज़रों में गलत है,वो उसकी नजर में सही कैसे हो सकता है ?, उल्टा वह बड़ा है तो उसकी नज़रों में तो यह कार्य ज्यादा गलत होना चाहिए ।”
बाबा ! माँ कहती है, “ गलत, हमेशा गलत होता है,फिर चाहे वह छोटा हो या बड़ा,क्या फर्क पड़ता है। जिस कार्य के करने से आत्मा में डर,लज्जा और अशांति हो,वह पाप है। क्या हम कोई अच्छा काम नहीं कर सकते ?”

आज बेटे ने बाप की आंखे खोल दी। उस चोर ने उसी दिन से चोरी का काम छोड़ दिया और जंगल से लकड़ियाँ काटकर बेचने लगा।

वास्तव में अधिकांश लोग इस चोर की ही तरह भ्रम में जी रहे है। उन्हें लगता है कि सुबह–शाम मंदिर जाने और दो अगरबत्ती लगा देने से उन्हें आस्तिकता और आध्यात्मिकता का सर्टिफिकेट मिल जायेगा,लेकिन वह भ्रम में है। वह अपने गुण,कर्म,स्वभाव तथा चिंतन,चरित्र और व्यवहार को अपने इष्टदेव के अनुरूप बनाने की कोशिश नहीं करते..!!

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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