जय श्री राधे कृष्ण …..
“अहोभाग्य मम अमित अति राम कृपा सुख पुंज, देखेउँ नयन बिरंचि सिव सेब्य जुगल पद कंज ।।
भावार्थ:– हे कृपा और सुख के पुंज श्री राम जी! मेरा अत्यंत असीम सौभाग्य है, जो मैंने ब्रह्मा और शिव जी के द्वारा सेवित युगल चरण कमलों को अपने नेत्रों से देखा…….!!
दीन दयाल बिरिदु संभारी ।
हरहु नाथ मम संकट भारी ।।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..