lalittripathi@rediffmail.com
Stories

एक एहसास

219Views

एक एहसास

एक प्रेमी-युगल शादी से पहले काफी हँसी-मजाक और नोक-झोंक किया करते थे। शादी के बाद उनमें छोटी छोटी बातो पे झगड़े होने लगे। एक दिन उनकी शादी कि सालगिरह थी,पर पत्नी ने कुछ नहीं बोला वो पति का रेस्पॉन्स देखना चाहती थी। सुबह पति जल्दी उठा और घर से बाहर निकल गया।पत्नी रूआंसी हो गई।

दो घण्टे बाद डोरबेल बजी वो दौड़ती हुई गई जाकर दरवाजा खोला। दरवाजे पर गिफ्ट और केक के साथ उसका पति था। पति ने गले लगा के सालगिरह विश किया फिर पति अपने कमरे मेँ चला गया। तभी अचानक पत्नी के पास पुलिस थाने से फोन आता है की आपके पति की हत्या हो चूकी है उनके जेब में पड़े पर्स से आपका फोन नम्बर ढ़ुंढ़ के कॉल किया गया है।

 पत्नी सोचने लगी की पति तो अभी घर के अन्दर आये है फिर उसे कही पे सुनी एक बात याद आ गई की मरे हुये इन्सान की आत्मा अपनी अंतिम विश पूरी करने एक बार जरूर आती है। वो जोर-जोर से रोने लगी।उसे अपना वो सारा चूमना लड़ना झगड़नानोक – झोंक याद आने लगा उसे पश्चाताप होने लगा की अन्त समय में भी वो अपने पति को प्यार ना दे सकी वो बिलखती हुई रोने लगी।

जब रूम में गई तो देखा उसका पति वहाँ नहीं था। वो चिल्ला चिल्ला के रोती हुई प्लीज कम बैक कम बैक कहने लगी अब कभी नहीं झगड़ूंगी । तभी बाथरूम से निकल के उसके कंधे पर किसी ने हाथ रख के पूछा क्या हुआ ?

वो पलट के देखी तो उसके पति थे वो रोती हुई उसके सीने से लग गई फिर सारी बात बताई। तब पति ने बताया की आज सुबह उसका पर्स चोरी हो गया था।फिर दोस्त की दुकान से ये गिफ्ट वगैरह उधार लिए।

जिन्दगी में किसी की अहमियत तब पता चलती है जब वो नहीँ होता, हम लोग अपने दोस्तो रिश्तेदारो से नोक- झोंक करते है लड़ते झगड़ते भी हैं,पर जिन्दगी की करवटे कभी कभी भूल सुधार का मौका नहीं देती।

हँसी खुशी में प्यार से जिन्दगी बिताइये और अपनी नाराजगी को अपनो से ज्यादा देर तक मत रखिये।

कहानी अच्छी लगे तो Like और Comment जरुर करें। यदि पोस्ट पसन्द आये तो Follow & Share अवश्य करें ।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply