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जिस दिन आप अच्छा कमाने लगेंगे उस दिन आ जाना मुझे लेने

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जिस दिन आप अच्छा कमाने लगेंगे उस दिन आ जाना मुझे लेने

जब मेरी शादी हुई तो मुझे पता था जिस व्यक्ति से मेरी शादी हो रही है वो काफी कम कमाता है, पर 35 साल की उम्र होने पर मेरी मां को भी काफी चिंता होने लगे थी क्यों की मेरे पापा की मृत्यु समय से पहले हो गई थी। मैने घर वालों से बात की तो लोगो ने बोला शादी करो नही उम्र निकल जाएगी । सहेलियों से बोला पति को खुश रखो वो खुद मेहनत कर के ज्यादा पैसे कमाएगा ।

सबकी बातों को ध्यान में रख कर मैने शादी कर ली, लेकिन शादी के बाद पत्नी के साथ साथ एक पुरुष की जिंदगी में एक और चीज आती है जिसे हम जिम्मेदारी के नाम से जानते हैं, जिनसे मेरी शादी हुई थी वो इस बात को जानते थे की मैं शादी से खुश नहीं हूं क्यों की मेरी आय कम है ।

शादी के पहली रात उन्होंने मुझसे कहा, देखो मेरी आय कम है उम्र ज्यादा है इसका मतलब ये नही है की हम दोनों साथ में खुश नहीं रह सकते । मैं तुम्हे सभी संसाधन तो नही दे सकता लेकिन इतने जरूर दे सकता हूं की हमारी जिंदगी अच्छे से चले । और उस रात खाली यही बात हुई, ऐसे ही करते करते 20 से 22 दिन बीत गए शायद उन्हें मन में मलाल था की वो कम कमाते हैं ।

फिर सहेलियों से बात हुई सबने फिर वही बात कही, खुश करो और वो खुद तुम्हारी जरूरतें पूरी करेगा…..महीने के अंत में उन्हें वेतन मिला 25000 रुपए, जिसमे से 5000 रुपए वो भविष्य केलिए रख कर 20000 मुझे दिया  और बोला मेरी जरूरतें काफी सीमित है, ये पैसे तुम रखो। अगर मुझे जरूर हुई तो ले लूंगा,  तुम अपने हिसाब से घर देख लो ।

पर जब मैंने हिसाब लगाना शुरू किया तो पैसे कम पड़े , जब मैने इनसे इस बारे में डिस्कस किया तो वो बोले थोड़ी दिक्कत हो सकती है लेकिन मैं दूसरी नौकरी के लिए ट्राय कर रहा हूं । ऐसे ही करते करते शादी को 6 महीने हो गए और हमारा झगड़ा हुआ, मैं बोलती और पैसे कमाओ वो बोलते जो हैं उसमे एडजेस्ट करने की कोशिश करो ।  बात इतनी बढ़ गई की मैं अपने मायके आ गईं और मन बना लिया की अब इसके साथ नही जाना । उन्हें ने कई बार मुझे बुलाया मेरे घर आए लेने थक हार कर मैने भी बोल दिया जिस दिन आप अच्छा कमाने लगेंगे उस दिन आ जाना लेने आप तो अभी पूरी तरह से मेरा खर्चा भी उठा नही पाते ।

ये बात उन्हें बहुत बुरी लगी, क्यों की गुस्से की वजह से मेरा बोलने का लहजा भी खराब था  लेकिन इस बार उस इंसान के गिरबान को चोट पहुंची थी , वो वापस तो गया लेकिन कभी लौट के नही आया ।  बल्कि उन्होंने अपने वेकील से फोन कर के बोला की अगर तुम मुझसे अलग होना चाहती हो तो हो सकती हो , जिसे जान कर मेरा गुस्सा और भड़क गया मुझे लगा को जो इंसान मेरा खर्चा नही उठा सकता वो मुझे छोड़ने की धमकी दे रहा है,  मैने भी बोल दिया नही रहना है ।  

हमारी हियरिंग हुई जज ने पूछा, तो उन्होंने स्पष्ट बोला, sir मेरी तनख्वाह कम है, जिससे इन्हे आपत्ति है  और मैं इन्हे खुश नहीं रख पा रहा हूं, मेरे बस में इससे ज्यादा कुछ नहीं  जजों ने मुझे समझाया लेकिन इगो की वजह से किसी की नही सुनी  और कुछ समय बाद मेरा तलाक हो गया । तलाक के 6 महीने मैं घर पर थी लेकिन उसके बाद एक नौकरी की, अब मेरी उम्र 37 साल हो गई थी । नौकरी पर आने पर पता चला की कितना मेहनत का काम है ।  

और ये भी पता चला की डिवोर्क्सी लड़की के आगे पीछे सब घूमते हैं, मौके का तलाश करते हैं की कब मौका मिले और इसके साथ कुछ करने को मिले । मेरी पहली तनखवाह 15000 की है अब समझ में आने लगा था की नौकरी करना कितना कठिन है कुछ भी चाहो लेकिन हमारे हाथ में कुछ नही है ।

अब जिस 15000 के लिए मुझे 10 से 6 काम करना पड़ता था, लोगो को हरासमेंट का सामना करना पड़ता था । पहले उससे ज्यादा घर बैठे 20000 मिलता लेकिन अब काम करने के बाद 15000 मिल रहा है ऊपर से दिनभर की मेहनत लेकिन आज उसी शक्श की नौकरी में तनखवा 86000 रुपए है ।

मैने ये गलती की रिश्ते को पैसे के पैरा मीटर के पर तोलने लगी थी लेकिन है सही नही था । यदि प्यार से समझती तो हमारा जीवन भी आगे अच्छा चलता ।  आज के दौर में लड़किया किसी लड़के से शादी करने से पहले ये जानना चाहती हैं की लड़का कितना कमा रहा  लेकिन असल में किसी से शादी करने से पहले ये जानना जरूरी है की उसका चरित्र कैसा हैं ।

शादी जैसे बंधन को चलाने के लिए जरूरी है आपसी सहमति, समाजस्य और विश्वास लेकिन आज मेरी तरह सभी लड़कियां अपनी शादी में सबसे पहले ये देखती हैं की लड़का पैसा कितना कमा रहा है । एक अच्छा रिश्ता पैसे की दम पर नही चलता है। मुझे ये बात तब समझ आए जब मैंने अपना रिश्ता खो दिया ।

किसी अमीर से 4 बात सुनने से बेहतर है की किसी कम आय वाले के साथ शादी कर के साथ खुश रहने में आनंद है ।

ये एक सत्य घटना है  आप बताइए आप के हिसाब से क्या होना चाहिए ।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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