भक्त और भगवान
भक्त और भगवान एक बार संत सूरदास जी को एक सज्जन ने भजन के लिए आमंत्रित किया। भजनोपरांत सज्जन को उन्हें घर तक पहुंचाने का ध्यान ही नहीं रहा। सूरदास जी ने भी उसे तकलीफ नहीं देनी चाही और खुद...
भक्त और भगवान एक बार संत सूरदास जी को एक सज्जन ने भजन के लिए आमंत्रित किया। भजनोपरांत सज्जन को उन्हें घर तक पहुंचाने का ध्यान ही नहीं रहा। सूरदास जी ने भी उसे तकलीफ नहीं देनी चाही और खुद...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "प्रभु पद पंकज नावहिं सीसा, गर्जहिं भालु महाबल कीसा, देखी राम सकल कपि सेना, चितइ कृपा करि राजिव नयना ।। भावार्थ:- वे प्रभु के चरण कमलों में सिर नवाते हैं । महान बलवान रीछ और...
शिक्षा का असर एक दिन की घटना है कि विघालय के प्रधानाध्यापक विद्यालय में पहुंचे थे कि तभी एक बालिका एक सोने का झुमका लेकर आयी और कहा कि मुझे यह झुमका विद्यालय आते समय रास्ते मे पडा मिला। हम...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "कपिपति बेगि बोलाए आए जूथप जूथ, नाना बरन अतुल बल बानर भालु बरुथ ।। भावार्थ:- वानर राज सुग्रीव ने शीघ्र ही वानरों को बुलाया, सेनापतियों के समूह आ गये । वानर - भालुओं के झुंड...
तीर्थ विशेष (यमुनोत्री धाम, उत्तराखंड) देवभूमि के पश्चिमी गढ़वाल क्षेत्र में स्थित यमनोत्री धाम, माँ गंगा के समकक्ष पवित्र माने जाने वाली यमुना जी की पावन उद्गम स्थली है….यह स्थान उत्तराखंड के बर्फ से ढँके श्रंग बंदरपुच्छ के समीप कालिंदी...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "अब बिलंबु केहि कारन कीजे, तुरत कपिन्ह कहुँ आयसु दीजे, कौतुक देखि सुमन बहु बरषी, नभ तें भवन चले सुर हरषी ।। भावार्थ:- अब विलंब किस कारण किया जाए ? वानरों को तुरंत आज्ञा दो...
पुन्य तपोबल एकत्रित करो एक सेठ के एक इकलौता पुत्र था पर छोटी सी उम्र मे ही गलत संगत के कारण राह भटक गया! चिंतित सेठ को कुछ नही सूझ रहा था। तो वो भगवान् के मन्दिर में गया और...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "सुनि प्रभु बचन कहहिं कपि बृंदा, जय जय जय कृपाल सुखकंदा, तब रघुपति कपिपतिहि बोलावा, कहा चलैं कर करहु बनावा ।। भावार्थ:- प्रभु के वचन सुन वानर गण कहने लगे - कृपालु आनन्दकन्द श्री राम...
दान का महत्व एक बार की बात है कि श्री कृष्ण और अर्जुन कहीं जा रहे थे। रास्ते में अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा कि प्रभु – एक जिज्ञासा है मेरे मन में, अगर आज्ञा हो तो पूछूँ ?......श्री...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "उमा राम सुभाउ जेहिं जाना, ताहि भजनु तजि भाव न आना, यह संबाद जासु उर आवा, रघुपति चरन भगति सोइ पावा ।। भावार्थ:- हे उमा! जिस ने श्री राम जी का स्वभाव जान लिया, उसे...