संघर्ष जरूरी है
नीति शास्त्र कहते हैं कि अधम श्रेणी के मनुष्य- कठिनाइयों के भय से किसी उत्तम कार्य को प्रारंभ ही नहीं करते।
मध्यम श्रेणी के मनुष्य – कार्य को तो प्रारंभ करते हैं पर विघ्नों को आते देख घबराकर बीच में ही छोड़ देते हैं।
उत्तम श्रेणी के मनुष्य- विघ्न बाधाओं से बार- बार प्रताड़ित होने पर भी प्रारंभ किये हुए उत्तम कार्य को तब तक नहीं छोड़ते, जब तक कि वह पूर्ण ना हो जाए। कार्य जितना श्रेष्ठ होगा बाधाएं भी उतनी ही बड़ी होंगी। आत्मबल जितना ऊँचा होगा फिर सारी समस्याएं स्वतः उतनी ही छोटी नजर आने लगेंगी।
इस सृष्टि में श्रेष्ठ की प्राप्ति उसी को होगी जिसने कठिन परिस्थितियों का सामना करना स्वीकार किया, झुकना नहीं। अपने संकल्प को इतना मजबूत बनाइये कि हार को भी आपसे हार कर जाना पड़े। जीवन में उत्कर्ष के लिए संघर्ष जरुरी है।
नेक कर्म और प्रभु नाम स्मरण सहायक हों सभी के
जय श्री राम
वीर भोग्या वसुंधरा