सुविचार-सुन्दरकाण्ड-97
जय श्री राधे कृष्ण ……. "चलेउ नाइ सिरु पैठेउ बागा, फल खाएसि तरुतोरैं लागा, रहे जहाँ बहु भट रखवारे, कछु मारेसि कछु जाइ पुकारे ।। भावार्थ:- वे सीता जी को सिर नवा कर चले और बाग में घुस गये ।...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "चलेउ नाइ सिरु पैठेउ बागा, फल खाएसि तरुतोरैं लागा, रहे जहाँ बहु भट रखवारे, कछु मारेसि कछु जाइ पुकारे ।। भावार्थ:- वे सीता जी को सिर नवा कर चले और बाग में घुस गये ।...
कृतज्ञता के आंसु- स्कूटी बहुत दिनो से स्कूटी का उपयोग नही होने से, विचार आया Olx पे बेच दें,कीमत Rs 30000/- डाल दी। बहुत आफर आये 15 से 28 हजार तक। एक का 29000 का प्रस्ताव आया। उसे भी waiting...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "तिन्ह कर भय माता मोहि नाही, जौ तुम्ह सुख मानहु मन माही……!! भावार्थ: - (हनुमान जी ने कहा) हे माता! यदि आप मन में सुख मानें (प्रसन्न होकर आज्ञा दें) तो मुझे उनका भय तो...
हमें जागना होगा एक आदमी एक मुर्गा खरीद कर लाया। एक दिन वह मुर्गे को मारना चाहता था, इसलिए उस ने मुर्गे को मारने का बहाना सोचा और मुर्गे से कहा, "तुम कल से बाँग नहीं दोगे, नहीं तो मै...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "*सदा दूसरों के कामों को *प्रोत्साहन* दें और उनकी हर संभव मदद करें तभी हमारी गिनती सज्जन लोगों मैं की जाएगी…!! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो.....
जय श्री राधे कृष्ण ……. "सुनहु मातु मोहि अतिसय भूखा, लागि देखि सुन्दर फल रुखा, सुनु सुत करहिं बिपिन रखवारी, परम सुभट रजनीचर भारी…..!! भावार्थ:- हे माता ! सुनो, सुंदर फल वाले वृक्षों को देखकर मुझे बड़ी ही भूख लग...
शिक्षा का निचोड़ काशी में गंगा के तट पर एक संत का आश्रम था। एक दिन उनके एक शिष्य ने पूछा - "गुरुवर! शिक्षा का निचोड़ क्या है?....संत ने मुस्करा कर कहा - "एक दिन तुम स्वयं जान जाओगे।"…कुछ समय...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "जीवन में कितनी भी विपत्ती आये अपना संयम रखना चाहिए क्योंकि कैसी भी विपत्ती हो सामना आपको ही करना है…!! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो.....
जय श्री राधे कृष्ण ……. "बार बार नाएसि पद सीसा, बोला बचन जोरि कर कीसा, अब कृतकृत्य भयउँ मैं माता, आसिस तव अमोघ बिख्याता…..!! भावार्थ:- हनुमान जी ने बार-बार सीता जी के चरणों में सिर नवाया और फिर हाथ जोड़...
खरगोश और लोमड़ी- सर्टिफिकेट एक दिन जंगल में एक लोमड़ी ने एक खरगोश को पकड़ लिया। वह उसे खाने ही जा रही रही थी, सुबह का नाश्ता ही करने की तैयारी थी की खरगोश ने कहा, “रुको”! तुम लोमड़ी हो,...