अयोध्या
अयोध्याहम सभी जानते हैं कि वैवस्वत मनु महाराज द्वारा सरयू तट पर अयोध्या की स्थापना की गई थी। उसी अयोध्या में त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम का अवतरण (जन्म) हुआ था।…अयोध्या पर हमला करने वाला पहले आक्रांता ग्रीक मिनिएंडर था, जिसे...
अयोध्याहम सभी जानते हैं कि वैवस्वत मनु महाराज द्वारा सरयू तट पर अयोध्या की स्थापना की गई थी। उसी अयोध्या में त्रेतायुग में प्रभु श्रीराम का अवतरण (जन्म) हुआ था।…अयोध्या पर हमला करने वाला पहले आक्रांता ग्रीक मिनिएंडर था, जिसे...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "कपि करि हृदयँ बिचार दीन्हि मुद्रिका डारि तब, जनु असोक अंगार दीन्ह हरषि उठि कर गहेउ…..!! भावार्थ:- तब हनुमान जी ने हृदय में विचार कर (सीता जी के सामने) अंगूठी डाल दी, मानो अशोक ने...
भगवान श्री राम की प्राण - प्रतिष्ठाभगवान श्री राम लला…. लगभग पांच सौ वर्ष के पश्चात… अपनी जन्म स्थली अवधपुरी में विराजमान हो गए हैं। क्या है प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया…..? आईए जानते हैं।मूर्तिकार की कल्पना…..उंगलियों की जादूगरी…..छेनी की हजारों...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "नूतन किसलय अनल समाना, देहि अगिनि जनि करहि निदाना, देखि परम बिरहाकुल सीता, सो छन कपिहि कलप सम बीता….!! भावार्थ:- तेरे नए-नए कोमल पत्ते अग्नि के समान हैं। अग्नि दे, विरह-रोग का अन्त मत कर...
पौष माह की ऐतिहासिक दीपावली... मन की गति से उड़ता पुष्पक विमान.... जब अवधपुरी के दर्शनयोग्य... क्षितिज पर पहुंच गया.... तो विह्नल..., अधीर... राम उन दर्शनो को नेत्रस्थ करके.... जैसे बालसम हो गए...., उछल पड़े...! आ गई अवधपुरी...., ओह्ह....! मेरा...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "अच्छे कर्म भी करने पड़ते है साहब सिर्फ पूजा करने से भगवान नही मिलते। जब कर्म है काला तो क्या करेगी माला….!! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो.....
जय श्री राधे कृष्ण ……. "पावकमय ससि स्रवत न आगी, मानहुँ मोहि जानि हतभागी, सुनहि बिनय मम बिटप असोका, सत्य नाम करु हरु मम सोका….!! भावार्थ:- चंंद्रमा अग्निमय है, किन्तु वह भी मानो मुझे हतभागिनी जान कर आग नहीं बरसाता।...
राम’ नाम का रहस्य 'राम‘ सिर्फ एक नाम नहीं। राम मात्र दो अक्षर नहीं। राम हमारी सांस्कृतिक विरासत है। राम हमारी की एकता और अखंडता हैं। राम हमारी आस्था और अस्मिता के सर्वोत्तम प्रतीक हैं। राम सनातन धर्म की पहचान...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "अपनी स्वयं की क्षमता से कार्य करना चाहिए , अन्य लोगों की निर्भरता का त्याग तत्काल कर देना चाहिए….!! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो.....
जय श्री राधे कृष्ण ……. "कह सीता बिधि भा प्रतिकूला, मिलिहि न पावक मिटिहि न सूला, देखिअत प्रगट गगन अंगारा, अवनि न आवत एकउ तारा….!! भावार्थ:- सीता जी (मन ही मन) कहने लगीं - (क्या करूं) विधाता ही विपरीत हो...