प्रभु चरणों में चिन्तन
प्रभु चरणों में चिन्तन मित्रो बहुत आनन्दमय् प्रसंग है, जब माता जानकीजी के साथ प्रभु चौदह वर्ष के लिये वनवास को पधार रहे थे। भगवान् श्री रामजी सीताजी से कहते हैं देवी आप थक गयीं होगी, माँ जानकीजी ने हँसते...
प्रभु चरणों में चिन्तन मित्रो बहुत आनन्दमय् प्रसंग है, जब माता जानकीजी के साथ प्रभु चौदह वर्ष के लिये वनवास को पधार रहे थे। भगवान् श्री रामजी सीताजी से कहते हैं देवी आप थक गयीं होगी, माँ जानकीजी ने हँसते...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "श्रवनामृत जेहिं कथा सुहाई, कही सो प्रगट होति किन भाई, तब हनुमंत निकट चलि गयऊ, फिरि बैठीं मन बिसमय भयऊ….!! भावार्थ:- (सीता जी बोलीं-) जिस ने कानों के लिए अमृत रूप यह सुंदर कथा कही...
प्रतीक्षा हे महादेव- रोंगटे खड़े देने वा ला लेख,आंखों में आंसू ला देने वाला लेख ,अवश्य पढ़ें- महंत पन्ना कुंए मे कूदने से पहले नंदी के पास गए ! आँखे बंद करी और उनके कान में कहने लगे :- "विपत्ति...
जय श्री राधे कृष्ण ……. " जीवन मे धन आते ही सुख मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं किन्तु धर्म आते ही जीवन सुखमय बनेगा इसमें कोई संदेह नहीं। आज से हम सदा धर्म पर चलें…..!! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "रामचंन्द्र गुन बरनैं लागा, सुनतहिं सीता कर दुख भागा, लागीं सुनैं श्रवन मन लाई आदिहु तें सब कथा सुनाई….!! भावार्थ:- वे श्री रामचंद्र जी के गुणों का वर्णन करने लगे (जिनके) सुनते ही सीता जी...
लोकमंगल की अयोध्या- लोकतंत्रीय पुरुषोत्तम वाल्मीकि रामायण में मारीच कहता है:- "रामो विग्रहवान् धर्मः।" यानि राम धर्म के अवतार हैं। इस 'रामधर्म' में राजधर्म, मनुष्य धर्म, युद्ध धर्म की परिभाषा भी अंतर्निहित है। अयोध्या सत्ता के शिखर का प्रतीक थी।...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "कोई भी परेशानी वास्तव में उतनी बड़ी नहीं होती जितनी हम उसे बार- बार सोचकर बना देते हैं…!! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो.....
जय श्री राधे कृष्ण ……. "जीति को सकइ अजय रघुराई, माया ते असि रचि नहिं जाई, सीता मन बिचार कर नाना, मधुर बचन बोलेउ हनुमाना l…..!! भावार्थ:- श्री रघुनाथ जी तो सर्वथा अजेय हैं, उन्हें कौन जीत सकता है ?...
श्री राम कथा से सुन्दर स्त्री बाद में शूर्पणखा निकली। सोने का हिरन बाद में मारीच निकला। भिक्षा माँगने वाला साधू बाद में रावण निकला। लंका में तो निशाचार लगातार रूप ही बदलते दिखते थे। हर जगह भ्रम, हर जगह...
जय श्री राधे कृष्ण ……. "तब देखी मुद्रिका मनोहर, राम नाम अंकित अति सुंदर, चकित चितव मुदरी पहिचानी, हरष बिसाद हृदयँ अकुलानी…..!! भावार्थ:- तब उन्होंने राम - नाम से अंकित अत्यंत सुंदर एवं मनोहर अंगूठी देखी । अंगूठी को पहचान...