सुविचार-सुन्दरकाण्ड-37
जय श्री राधे कृष्ण ……. तब हनुमंत कही सब राम कथा निज नाम, सुनत जुगल तन पुलक मन मगन सुमिरि गुन ग्राम….!! भावार्थ:- तब हनुमान जी ने श्री रामचंद्र जी की सारी कथा कह कर अपना नाम बताया । सुनते...
जय श्री राधे कृष्ण ……. तब हनुमंत कही सब राम कथा निज नाम, सुनत जुगल तन पुलक मन मगन सुमिरि गुन ग्राम….!! भावार्थ:- तब हनुमान जी ने श्री रामचंद्र जी की सारी कथा कह कर अपना नाम बताया । सुनते...
विपत्ति में भाइयों का साथ जब ये लोग खेलते थे तो लक्ष्मण राम की तरफ उनके पीछे होता था और सामने वाले पाले में भरत और शत्रुघ्न होते थे। तब लक्ष्मण हमेशा भरत को बोलते कि राम भैया सबसे ज्यादा...
जय श्री राधे कृष्ण ……. की तुम्ह हरि दासन्ह मह कोई, मोरें हृदय प्रीति अति होई, की तुम्ह रामु दीन अनुरागी, आयहु मोहि करन बड़भागी…..!! भावार्थ:- क्या आप हरि भक्तों में से कोई हैं ? क्योंकि आप को देख कर...
जय श्री राधे कृष्ण ……. बिप्र रुप धरि बचन सुनाए, सुनत बिभीषन उठि तहं आए, करि प्रनाम पूंछी कुसलाई, बिप्र कहहु निज कथा बुझाई….!! भावार्थ:- ब्राह्मण का रूप धर कर हनुमान जी ने उन्हें वचन सुनाए (पुकारा) । सुनते ही...
https://youtu.be/gkQG4O5BvXY?si=RodW6DEMi8zoPmIc...
दान या सौदा एक बार भगवान श्री कृष्ण और अर्जुन कहीं जा रहे थे, तभी बातों बातों में अर्जुन ने कृष्ण से कहा कि क्यों कर्ण को दानवीर कहा जाता है और उन्हें नहीं। जबकि दान हम भी बहुत करते...
https://youtu.be/RriyqhrquSA?si=uDnOB1ZRBtbzUjNT...
जय श्री राधे कृष्ण ……. राम-राम तेहिं सुमिरन कीन्हा, हृदयं हरष कपि सज्जन चीन्हा, एहि सन हठि करिहउ पहिचानी, साधु ते होइ न कारज हानी ……!! भावार्थ:- उन्होंने (विभीषण ने) राम नाम का स्मरण (उच्चारण) किया । हनुमान जी ने...
पड़ोसी धर्म आज की रात उसके लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल बनती जा रही थी उसको कहीं पर भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था, ममता अपने माता-पिता की इकलौती पुत्री थी पिता बनारसी दास माता निरुपमा देवी दोनों को...
जय श्री राधे कृष्ण ……. लंका निसिचर निकर निवासा, इहां कहां सज्जन कर बासा, मन महुँ तरक करै कपि लागा, तेहीं समय बिभीषनु जागा……!!! भावार्थ:- लंका तो राक्षसों के समूह का निवास स्थान है । यहां सज्जन (साधु पुरुष) का...