जय श्री राधे कृष्ण …….
बिप्र रुप धरि बचन सुनाए, सुनत बिभीषन उठि तहं आए, करि प्रनाम पूंछी कुसलाई, बिप्र कहहु निज कथा बुझाई….!!
भावार्थ:- ब्राह्मण का रूप धर कर हनुमान जी ने उन्हें वचन सुनाए (पुकारा) । सुनते ही विभीषण जी उठकर वहां आए । प्रणाम कर के कुशल पूछी (और कहा कि), हे ब्राह्मण देव ! अपनी कथा समझा कर कहिये …….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..