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सुविचार-सुन्दरकाण्ड-35

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जय श्री राधे कृष्ण …….

बिप्र रुप धरि बचन सुनाए, सुनत बिभीषन उठि तहं आए, करि प्रनाम पूंछी कुसलाई, बिप्र कहहु निज कथा बुझाई….!!

भावार्थ:- ब्राह्मण का रूप धर कर हनुमान जी ने उन्हें वचन सुनाए (पुकारा) । सुनते ही विभीषण जी उठकर वहां आए । प्रणाम कर के कुशल पूछी (और कहा कि), हे ब्राह्मण देव ! अपनी कथा समझा कर कहिये …….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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