जय श्री राधे कृष्ण ……..
” सिंधु तीर एक भूधर सुन्दर, कौतुक कूदि चढ़ेउ ता ऊपर, बार बार रघुबीर संभारी, तरकेउ पवनतनय बल भारी……!!
भावार्थ:- समुद्र के तीर पर एक सुंदर पर्वत था। हनुमान जी खेल से ही (अनायास ही) कूदकर उसके ऊपर जा चढ़े और बार-बार श्री रघुवीर का स्मरण करके अत्यंत बलवान हनुमान जी उस पर से बड़े वेग से उछले……. !!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

सुन्दर नाम के पर्वत पर श्री हनुमान जी ने लंका जाते हुए छलांग भरी थी, इसलिए इस कांड का नाम “सुन्दर काण्ड” हुआ।।।
श्री सुन्दर काण्ड में ८ बार सुन्दर शब्द आया है।।।
जब पढ़ें, तब घ्यान दें।।।
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