जय श्री राधे कृष्ण ……..
” संबंध उसी आत्मा से जुड़ता है, जिसका हमसे पिछले जन्मों का कोई रिश्ता होता है,वरना दुनिया की इस भीड़ में कौन किस को जानता है….!!
शक्ति स्वरूपा, जगद्जननी माँ भगवती जगदंबा के उपासना पर्व “चैत्र नवरात्र” की एवं “विक्रम संवत 2080” हिंदू नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
सहमत हूँ पर एक बात समझ नही आती के लोग ज़िन्दगी में मिलते है रिश्ते भी बनते हैं पर एक दिन अचानक खत्म क्यों हो जाते है ।। जब रिश्ते बनते हैं तो लगता है ये कही न कही कोई ताकत होती है जो हमे एक दूसरे के करीब लाती हो चाहे वो दोस्ती हो प्रेम हो कोई भी रिश्ता हो लेकिन जब अचानक सब खत्म होता है तो एक यक्ष प्रश्न सामने खड़ा होता है कि ऐसा क्यों हुआ ???? Please enlighten me
शाहीन जी, भगवान हमे ऐसे रिश्ते से मिलवाते है, निश्चित ही मेरा मानना है जी इन पवित्र आत्माओ से हमारा पुराना संबध होता है, किंतु रिश्ते हमारी लालासा, लालच, स्वार्थी व्यवहार एवं ना देने की भावनाओं के कारण कभी कभी ऐसा हो जाता है। कोई भी रिश्ता विश्वास एवं आस्था की बहुत ही पतली किंतु मज़बूत धागे से बना है, रिश्तो मे धैर्य , प्रेम, सुनने की पहल और समझनें की शक्ति रिश्तो मे खाद और पानी का कार्य करते है और विश्वास करो की आर्गेनिक रिश्ते बनते है।जो जन्म जन्मो तक साथ रहते है।