lalittripathi@rediffmail.com
Stories

प्रार्थना

#प्रार्थना #नाश्ते #मालिक #चुपचाप #नज़रअंदाज़ #भाइयों #दुआ #भीड़ #जय श्रीराम

408Views

औफिस के पास एक नाश्ता बिंदु है और हम अक्सर वहां नाश्ते के लिए जाते हैं..

अक्सर वहां बहुत भीड़ होती है… कई बार मैंने देखा है कि एक व्यक्ति आता है और भीड़ का फायदा उठाकर खाना खाकर चुपके से बिना पैसे दिए निकल जाता है…

एक दिन जब वह खा रहा था तो मैंने चुपके से नाश्ते की दुकान के मालिक को बताया कि यह भाई जल्दी का फायदा उठाएगा और बिना बिल चुकाए निकल जाएगा…..

मेरी बात सुनकर ब्रेकफास्ट पॉइंट का मालिक मुस्कराते हुए बोला:- उसे बिना कुछ कहे जाने दो, हम इसके बारे में बाद में बात करेंगे….हमेशा की तरह भाई ने नाश्ता करके इधर-उधर देखा और भीड़ का फायदा उठाकर चुपचाप खिसक गया….

उसके जाने के बाद, मैंने अब ब्रेकफास्ट पॉइंट के मालिक से पूछा कि मुझे बताओ कि उसने उस आदमी को क्यों जाने दिया.. ❓

उसने इस आदमी की हरकत को क्यों नज़रअंदाज़ किया… ❓

ब्रेकफास्ट पॉइंट के मालिक द्वारा दिए गए जवाब ने मेरी सारी चौदह परतें खोल दीं

उसने मुझसे कहा:-

तुम अकेले नहीं हो, कई भाइयों ने उसे देखा है और मुझे उसके बारे में बताया है..,उसने कहा कि वह दुकान के सामने बैठता है और जब देखता है कि भीड़ है, तो वह चुपके से खाना खा लेता है…..

मैंने हमेशा इसे नज़रअंदाज़ किया और कभी उसे रोका नहीं, उसे कभी पकड़ा नहीं और ना ही कभी उसका अपमान करने की कोशिश की….

क्योंकि मुझे लगता है कि मेरी दुकान में भीड़ इस भाई की दुआ की वजह से है….वह मेरी दुकान के सामने बैठे हुए प्रार्थना करता है कि जल्दी इस दुकान में भीड़ हो तो मैं जल्दी से अंदर जा सकता हूं, खा सकता हूं और निकल सकता हूं ……और निश्चित रूप से जब वह अंदर आता है तो हमेशा भीड़ होती है। तो ये भीड़ भी शायद उसकी “प्रार्थना” से है यार

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

4 Comments

Leave a Reply to Lalit Tripathi Cancel reply