lalittripathi@rediffmail.com

Lalit Tripathi

Lalit Tripathi
2421 posts
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा
Quotes

सुविचार

जय श्री राधे कृष्ण ….. " संग चला जो पतझड़ में वही वसंत का अधिकार पाए, सुदामा की हँसी में जो रोना पढ़ ले उसे ही मित्र कृष्ण कहा जाए…! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो.....

Quotes

हंस और काग

हंस और काग पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती झगड़ती। एक दिन ग्यारस के दिन गरीब ब्राह्मण पुत्र...

Quotes

सुविचार

जय श्री राधे कृष्ण ….. " हमें भ्रम में नहीं रहना चाहिए की हमारे भाग्य में जो लिखा है वही होगा, बल्की विश्वास रखे की हम जैसे कर्म करेंगे वैसा ही हमारा भाग्य होगा…! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से...

Quotes

पहला करवाचौथ

पहला करवाचौथ शादी को मुश्किल से तीन महीने हुए थे। सब कुछ नया था — घर, रिश्ते, जिम्मेदारियाँ, और सबसे बढ़कर — एक नया जीवन साथी। सासु माँ ने पहले ही बता दिया था कि “बिटिया, करवाचौथ का व्रत बड़ी...

Quotes

सुविचार

जय श्री राधे कृष्ण ….. " परमात्मा ने सभी को एक ही मिट्टी से बनाया है , अंतर केवल इतना ही है कि कोई बाहर से खूबसूरत होता है, तो कोई अंदर से…! सुप्रभात आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण...

Stories

 पितृदोष क्या होता है?

पितृदोष क्या होता है? मोबाइल की स्क्रीन पर बेटे का नाम उभरते ही सावित्री चौंक गई।  सालों बीत गए थे, बेटे ने सिर्फ औपचारिक बातें की थीं… वो भी फोन पर, जब उसके पिता अस्पताल में जिंदगी और मौत के...

Quotes

सुविचार

जय श्री राधे कृष्ण ….. " सुख इस बात पर निर्भर नहीं करता कि, हमारे पास अथाह धन है पर सुख इस बात पर निर्भर करता है कि, क्या हम उतने धन में भी ख़ुश है…! सुप्रभात आज का दिन...

Stories

प्रभु मिलन का अवसर

प्रभु मिलन का अवसर एक समय की बात है कि एक आदमी के पास बहुत कीमती घोड़ा था। उसको प्रतिपल यह चिन्ता लगी रहती थी कि कहीं कोई उस घोड़े को चुरा न ले जाए। एक दिन वह ऐसे नौकर...

Quotes

सुविचार

जय श्री राधे कृष्ण ….. " हमेशा याद रखें कि संसार में जो कुछ भी हो रहा है….वह सब ईश्वरीय विधान है, हम और आप तो केवल निमित्त मात्र हैं, इसलिए कभी भी यह भ्रम मत पालें की मैं ना...

Stories

जगत−जननी पार्वती मां और भर्तृहरि

जगत−जननी पार्वती मां और भर्तृहरि जगत−जननी पार्वती ने एक भूखे भक्त को श्मशान में चिता के अंगारों पर रोटी सेंकते देखा तो उनका कलेजा मुँह को आ गया। वह दौड़ी−दौड़ी ओघड़दानी शंकर के पास गयीं और कहने लगीं−"भगवन्! मुझे ऐसा...

1 12 13 14 243
Page 13 of 243