जय श्री राधे कृष्ण …..
” जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमें एहसास होता है कि खुद के प्रति सच्चे होने का मतलब अक्सर एक अलग रास्ता अपनाना होता है जो सामान्य मानदंडों और अपेक्षाओं के विपरीत होता है….!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
जय श्री राधे कृष्ण …..
” जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमें एहसास होता है कि खुद के प्रति सच्चे होने का मतलब अक्सर एक अलग रास्ता अपनाना होता है जो सामान्य मानदंडों और अपेक्षाओं के विपरीत होता है….!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..