माता सीता ने किया राजा दशरथ का श्राद्ध
राजा दशरथ की मृत्यु के बाद श्री राम और लक्ष्मण ने जंगल में ही पिंड दान करने का निश्चय लिया । तभी भगवान श्री राम और लक्ष्मण दोनो ही जंगल में आवश्यक सामग्री को जमा करने के लिए निकल गए । तभी समय काफी बीत गया और वे दोनो नहीं आए । इधर पूजा का शुभ मुहूर्त निकला जा रहा था तभी माता सीता ने निर्णय लिया की उनके पास जो भी सामग्री मौजूद है उसी वह पिंड दान करेगी । यह पूजा सफल भी हो गई । मां सीता ने गाय, फल्गु नदी, ब्राह्मण, कौया और बटवृक्ष को इसका साक्षी बनने को कहा ।
जब भगवान श्री राम और लक्ष्मण वापस लौटे तभी माता सीता ने सारी बाते बताई । भगवान श्री राम ने उन सभी से पूछा परंतु श्री राम के क्रोध को देखकर सभी ने झूट बोल दिया । की ऐसा तो कुछ हुआ ही नही सिर्फ वटवृक्ष ने सारी सच्चाई बताई । इसलिए माता सीता ने सभी को श्राप दे दिया । उन्होंने गाय को श्राप दिया की घर में पूजा होने के बाद भी तुम्हे हमेशा लोगों का झूठन खाना पड़ेगा, 2.ब्राह्मण को श्राप दिया की ब्राह्मण को कितना भी मिलेगा लेकिन उसकी दरिद्रता हमेशा बनी रहेगी, 3, उन्होंने फल्गु नदी को श्राप दिया की वह सिर्फ नाम की नदी होगी उसमे कभी भी जल नही रहेगा और उन्होंने कौये को श्राप दिया की उसका अकेले खाने से कभी भी पेट नही भरेगा और वह आकस्मिक मौत मरेगा ।
जय श्री सीता राम जी
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जय श्रीराम