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समय नहीं है

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समय नहीं है

बारह घंटे का सफ़र चार घंटे में सिमट गया, फिर भी समय नहीं है । बारह लोगों का परिवार दो लोगों में सिमट गया, फिर भी समय नहीं है । जो संदेश चार हफ़्ते में मिलता था, अब चार सेकंड में मिलता है, फिर भी समय नहीं है । कभी दूर बैठे व्यक्ति का चेहरा देखने में एक साल लग जाता था, आज वह सेकंड में दिख जाता है फिर भी समय नहीं है ।

घर के ऊपर-नीचे जाने में जो समय और मेहनत लगती थी, वह अब लिफ्ट से सेकंड में खत्म हो जाती है, फिर भी समय नहीं है । जो आदमी पहले बैंक की कतार में घंटों खड़ा रहता था, अब वह अपने मोबाइल पर सेकंड में लेन-देन कर लेता है, फिर भी समय नहीं है । स्वास्थ्य जांच जो पहले हफ़्तों में होती थी, अब घंटों में होती है, फिर भी समय नहीं है । एक्टिवा चलाते समय एक हाथ में हैंडल और दूसरे में मोबाइल, क्योंकि उसे रुककर बात करनी होती है समय नहीं ।

जब ट्रैफिक जाम होता है, तो हम दो लेन क्रॉस करके तीसरी लेन बना लेते हैं क्योंकि किताब पढ़ने का समय नहीं है । प्रकृति का आनंद लेने का समय नहीं है बस समय नहीं है लेकिन -आईपीएल के लिए समय है । नेटफ्लिक्स के लिए समय है । फालतू रील्स के लिए समय है । राजनीति पर फालतू चर्चा करने के लिए ।

समय है शाम अकेले पीने के लिए समय है। लेकिन खुद के लिए समय नहीं है ।

दुनिया आसान हो गई है, गति बढ़ गई है, तकनीक करीब आ गई है, दूरियां मिट गई हैं, सुविधाएं बढ़ गई हैं, अवसर बढ़ गए हैं…लेकिन इंसान ने समय नहीं है कहकर खुद को दूर कर लिया है।

चुपचाप बैठकर खुद से बात करने का, खुद को समझने का, या बस कुछ देर हंसने का पल… समय नहीं है । और फिर एक दिन समय यूँ ही बीत जाता है। आखिरी पल में हमें एहसास होता है समय तो था…  लेकिन हमारे पास समय नहीं है यह कहते-कहते मैं जीना भूल गया।

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जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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