कोयल और कौवा घोंसला 2
क्यों अपना घोंसला न बनाकर अपने अंडे को कौवे या फिर अन्य पक्षी के घोंसलों में रखती है..??*
पक्षियों के बारे आपने ऐसा अक्सर सुना होगा कि बहुत से पक्षी ऐसे होते हैं जो अपना अंडा किसी दूसरे पक्षी के घोंसलों में रखना पसंद करते हैं। कई पक्षी तो अपना अंडा भी किसी दूसरे पक्षी के घोंसले में देते हैं। यदि आपको इन बातों से हैरानी हो रही और आप यह सारी बातें नहीं जानते तो आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से कुछ ऐसे पक्षियों के बारे में बताने जा रहे है। जो अपने अण्डों को किसी दूसरे पक्षियों के घोसलें में देते हैं। जी हाँ दोस्तों इसमें सबसे पहला नंबर पपीहा का आता है। हम आपको बता दे पपीहा एक ऐसा पक्षी है जो अपने अंडे बुलबुल के घोंसले में देती है। इसके साथ-साथ कोयल भी ऐसा ही करता है। कोयल अपने समागम के समय से ही कौवे पर नजर टिकाए रखती है और उन्हें परिश्रम से घोंसला बनाते हुए बहुत ध्यान से देखती है।
आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दे कि जब भी किसी मादा कोयल का अंडा देने का समय हो रहा होता है तो मादा कोयल आपने पसंदीदा घोसले के ऊपर मंडराटी रहती है। और जब घोंसले में उसे कोई नही दीखता है, तब अवसर पाकर मौके का लाभ उठाती है। और तुरंत अपने कुछ अंडे कौवे के अंडों में रख देती है। मादा कोयल अपने अंडों के लिए सबसे अच्छे घोंसलों का चुनाव करती है। केवल इतना ही नहीं चालाक मादा कोयल अपने जितने अंडे कौवे के घोसले में रखती है, ठीक उतने ही कौवे के अण्डों को यह या तो नष्ट कर देती है। या फिर खा लेती है। नहीं तो अंडों को घोंसले से नीचे गिराकर तोड़ देती है। उसका ऐसा करने का इरादा सिर्फ इसलिए होता है ताकि कौवे को उस पर शक न हो। और ऐसे कोयल अपने अंडे रोक पाने में सक्षम रहती है और इस प्रकार वह कौवे के एक से अधिक घोसलों में अंडे देती है।
हम आपको बता दे कि कौवों और कोयलों के अंडे के साथ-साथ उनके बच्चे भी एक समान ही होते हैं। जिस कारणवश कौवे को शक नहीं होता और कोयल के बच्चों को वह अपना बच्चा समझकर ख़ुशी से पालती है। कोयल के बच्चे कौवे के बच्चों कि तुलना में समय से थोड़ा पहले ही अंडों से बाहर निकल आते हैं। और फिर यह कौवे के बच्चों को परेशान करते रहते हैं। निरंतर उनको घोसले से बाहर गिराने का प्रयास करते रहते हैं। कोयल के बच्चे बोलना आरम्भ करने से पहले ही कौवे के घोंसलों से उड़ जाते हैं। और इस प्रकार बेचारा कव्वा यह जान ही नहीं पाता कि जिन बच्चों को वह इतनी मेहनत से, इतने स्नेह के साथ पाल रहा है वह असल में उसके बच्चे ही नहीं हैं। वह तो कोयल के बच्चे हैं।
जय श्रीराम
