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ईमानदारी का इनाम

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ईमानदारी का इनाम

पुराने समय की बात है। एक गरीब आदमी अपने राज्य में राह चलते हुए एक कपड़े की पोटली पाता है। पोटली खोलने पर उसमें 50 सोने के सिक्के और एक चिट्ठी मिलती है। चिट्ठी में लिखा होता है:अगर यह पोटली किसी कारणवश खो जाती है और जिस भी व्यक्ति को मिले, वह इसे लौटा दे, तो उसे इनाम स्वरूप 10 सोने के सिक्के दिए जाएंगे।” चिट्ठी पर उस व्यापारी का नाम और पता भी लिखा था, जिसकी यह पोटली थी।

गरीब आदमी ईमानदार था। उसने तुरंत व्यापारी का पता लगाया और उसके घर पहुंच गया। व्यापारी, जो पहले ही अपने सिक्के खोने से परेशान था, पोटली पाकर बहुत खुश हुआ। लेकिन जैसे ही उसकी लालच जागी, वह चालाकी पर उतर आया।

पोटली गिनने के बाद व्यापारी बोला, “पोटली में 60 सिक्के थे। तुमने पहले ही 10 सिक्के निकाल लिए। खैर, मैं तो तुम्हें देने ही वाला था। अब तुम जा सकते हो।”

गरीब आदमी यह सुनकर हैरान रह गया। उसने व्यापारी को समझाने की कोशिश की कि उसने एक भी सिक्का नहीं लिया, लेकिन व्यापारी अपनी बात पर अड़ा रहा। चूंकि बात उसकी ईमानदारी पर भी आ गयी थी। मामला बढ़ते-बढ़ते राजा तक पहुंच गया।

राजा ने दोनों की बात सुनी। गरीब आदमी ने ईमानदारी से सब कुछ बताया। व्यापारी ने कहा, “महाराज! पोटली में 60 सिक्के थे, और इस आदमी ने पहले ही 10 निकाल लिए।”

राजा समझदार और न्यायप्रिय था। उसने तुरंत व्यापारी की लालच को भांप लिया और फैसला सुनाया: “चूंकि व्यापारी कहता है कि उसकी पोटली में 60 सिक्के थे, तो यह पोटली उसकी नहीं हो सकती। यह पोटली किसी और की होगी, जिसमें 50 सिक्के थे। इसलिए यह पोटली उस गरीब आदमी के पास ही रहेगी, जब तक सही मालिक नहीं मिल जाता।”

यह सुनकर व्यापारी हक्का-बक्का रह गया। उसने राजा से कहा, “तो मेरे सिक्कों का क्या होगा?”…

राजा ने मुस्कुराते हुए कहा, “जब कोई ईमानदार व्यक्ति तुम्हारी 60 सिक्कों वाली पोटली पा जाएगा, तो वह तुम्हें लौटा देगा।

सीख: हमें हमेशा अपने कमिटमेंट और वचन का पालन करना चाहिए। ईमानदारी और वचनबद्धता हमारे चरित्र की पहचान होती है। जो लोग अपने वादों से मुकरते हैं, वे समाज में अपना सम्मान खो देते हैं। दूसरी ओर, ईमानदारी हमें न केवल आत्मसंतोष देती है, बल्कि हमें दूसरों की नजरों में भी ऊंचा उठाती है

नित नेम याद करो शिव जी परमात्मा को..

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जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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