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सदैव मुस्कुराइए

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सदैव मुस्कुराइए

एक कवि एक बाग़ से गुजर रहे थे, बाग़ में हजारों फूल खिले थे सारे फूल मुस्कुराते नजर आ रहे थे, उस बाग़ का नजारा स्वर्ग के समान था

कवि महोदय एक फूल के पास गए और बोले – मित्र तुम कुछ दिनों में मुरझा जाओगे, तुम कुछ दिनों में इस मिटटी में मिल जाओगे। तुम फिर भी मुस्कुराते रहते हो, इतनी ताजगी से खिले रहते हो, क्यों? फूल कुछ ना बोला।

इतने में एक तितली कहीं से उड़ती हुई आई और फूल पर बैठ गयी। काफी देर तक तितली ने फूल की ताजगी का आनंद उठाया और फिर उड़ चली।

अब कुछ देर बाद एक भंवरा आया और फूल के चारों ओर घूमते हुए मधुर संगीत सुनाया फिर फूल पर बैठ कर खुशबू बटोरी और फिर से उड़ चला।

एक मधुमक्खी झूमती हुई आई और फूल पर आकर बैठ गयी, ताजा और सुगन्धित पराग पाकर मधुमक्खी बहुत खुश हुई और शहद का निर्माण करने उड़ चली।

एक छोटा बच्चा बाग़ में अपनी माँ के साथ खेलने आया। खिलते फूल को देखकर उसका मन बहुत प्रसन्न हुआ। उसने कोमल हाथों से फूल को स्पर्श किया और खुश होता हुआ– फिर से खेल में लग गया।

अब फूल ने कवि से कहा – देखा, पल भर के लिए ही सही लेकिन मेरे जीवन ने ऐसे ही ना जाने कितने लोगों को खुशियां दी हैं। इस छोटे से जीवन में ही मैंने बहुत सारे चेहरों पर मुस्कान बिखेरी है

मुझे पता है कि कल मुझे इस मिटटी में मिल जाना है । लेकिन इस मिटटी ने ही मुझे ये ताजगी और सुगंध दी है तो फिर इस मिटटी से मुझे कोई शिकायत नहीं है।

मैं मुस्कुराता हूँ, क्यूंकि मैं मुस्कुराना जानता हूँ, मैं खिलता हूँ क्यूंकि मैं खिलखिलाना जानता हूँ।

मुझे अपने मुरझाने का गम नहीं है। मेरे बाद कल फिर इस मिटटी में नया फूल खिलेगा, फिर से ये बाग सुगन्धित हो जाएगा। ना ये ताजगी रुकेगी और ना ही ये मुस्कराहट। यही तो जीवन है।

हमारी एक छोटी सी मुस्कराहट भी कई लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला सकती है। हमेशा मुस्कुराइए, जीवन चलता रहेगा। आज आप हैं कल आप की जगह कोई और होगा।

अगर आप एक अध्यापक हैं और जब आप मुस्कुराते हुए कक्षा में प्रवेश करेंगे तो देखिये सारे बच्चों के चेहरों पर मुस्कान छा जाएगी।

अगर आप डॉक्टर हैं और मुस्कराते हुए मरीज का इलाज करेंगे तो मरीज का आत्मविश्वास दोगुना हो जायेगा।

जब आप मुस्कुराते हुए शाम को घर में आयेंगे तो देखना पूरे परिवार में खुशियों का माहौल बन जाएगा।

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
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