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जामताड़ा -फ्रॉड

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जामताड़ा -फ्रॉड

पत्नी को लेकर बाजार गया था । रास्ते में कुछ काम से वह गाड़ी से उतरी और मैं अंदर ही बैठा रहा । उसी वक्त मेरे मोबाइल पर एक मैसेज आया । मैसेज खोलकर देखा तो पचास हजार रुपये किसी ने भेजे थे ।मैं अचंभित था! कौन इतना दरिया दिल है भाई जो इस कड़की में मुझे पैसे भेज रहा है…..?

अचानक मुझे महसूस हुआ , कहीं ये जामताड़ा वाला फ्रॉड तो नहीं ??.…मैने बिना समय गवाए वो पैसे दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिये । इतने में पत्नी भी आ गई …..तो मैने सारा किस्सा उसे बताया । सुनते ही वह तुरंत बोली , ” बैंक जाकर मैनेजर को बताना और जिसका भी पैसा है बैंक के द्वारा वापस कर देना । पता नहीं किस गरीब का पैसा गलती से हमारे अकाउंट में आ गया । अभी वह कितना विचलित हो रहा होगा ।” मैने भी हाँ किया और घर के लिए निकल पड़ा।

घर आकर बच्चों को बताया और साथ ही कहा कि देखना किसके अकाउंट से पैसे आए हैं । बेटे ने तुरंत ऑनलाइन देखा तो पता चला कोई हिना प्रजापति के अकाउंट से पैसे आए थे जो अहमदाबाद में रहती हैं । मेरा वहाँ कोई जानकर नहीं था अगले दिन बैंक जाकर बताने में ही भलाई समझा और बाकी कार्यो में लग गया ।

अगले दिन बैंक जाने की तैयारी कर ही रहा था ,तभी एक फोन आया । ट्रूकॉलर में प्रकाश प्रजापति का नाम आ रहा था । मैने फोन जैसे ही रिसीव किया उधर से आवाज आई , ” मेरा पचास हजार रुपया आपके अकाउंट में गलती से चला गया है ,मैं अपनी बहन को गूगल से पैसे भेज रहा था .. आप उसे फौरन वापस कर दीजिए । मैने देखा है आपने मेरे पैसे को अपने किसी और अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया है ।”

यह सुनकर मैनें तुरंत कहा  …. , “अरे  भाई साहब मैं आपका पैसा वापस करने बैंक ही जा रहा हूँ । आप अपना अकाउंट नम्बर भेज दीजिएगा तो मैं एन. ई .एफ. टी. कर दूँगा ।” उसने मेरा वाट्सएप नम्बर ले मुझे अपना अकाउंट नम्बर भेजा ।

बैंक जाने पर मैने सारा वाक्या वहाँ के मैनेजर साहब को बताया । उन्होंने तुरंत उसका भेजा हुआ अकाउंट नम्बर देखा और सब माजरा समझ गयें । मुझसे बोले रमेश जी आज आप अपनी होशियारी से बच गये ..नहीं तो पचास के बदले लाख रुपया देना पड़ता आपको। ये देखिए हिना प्रजापति के अकाउंट से जो पैसा आया था उसे वह आदमी  “प्रकाश हिना प्रजापति”  के अकाउंट में मंगवा रहा है । अभी आप उसके भेजे अकाउंट मे पचास हजार  एन.ई.एफ.टी. कर भी देते तो वह बैंक के माध्यम से  हिना प्रजापति के अकाउंट में भी पचास हजार मँगवा लेता और हमें आपके अकाउंट से डेविट करके मजबूरी में फिर से पैसा भेजना पड़ता ।

मैं अचम्भित था ! मैने पचपन साल के अपने इस जीवन में इस तरह का साइबर फ्रॉड खुद के साथ होते और बैंक मैनेजर और अपनी चतुराई से बचते हुए भी पहली बार देखा था । मैने तुरंत उस व्यक्ति को  फोन लगाया …फोन बिना रिंग के कट जा रहा था । मैने दो तीन बार ट्राई किया …फिर बैंक मैनेजर ने बैंक के लैंडलाइन से फोन लगाया तो फोन जाने लगा और उधर से किसी ने हैलो किया …मैं अब भी सकते में था । मैं समझ गया था उसने मेरा नम्बर ब्लॉक कर दिया है । बैंक मैनेजर  उससे कह रहे थे मैं बैंक मैनेजर बोल रहा हूँ  , “आप अपने पैसो के क्लेम के लिए अपने बैंक के सिस्टम में क्लेम कीजिए । हमलोग आपके पैसे भेज देंगे । यहाँ से कोई भी आपको दूसरे अकाउंट में गूगल या पेटियम नहीं करेगा । “

उसने फौरन पुलिस की धमकी दी तो मैनेजर साहब ने कहा मैं भी साइबर फ्रॉड का केस आपके इस नम्बर पर कर दूँगा अगर दुबारा हमारे ग्राहक को आपने फोन करके तंग किया । इस घटना के बाद मैं घर आ गया । शाम में फिर उसने नये नम्बर से फोन कर पैसे माँगे । मैने वही दुहराया जो मैनेजर साहब ने सिखाया था । पिछले पंद्रह दिन से वह अब भी मुझे उन पैसो के लिए दबाव डाल रहा है …कि मैं उसके भेजे अकाउंट में पैसे डाल दूँ ।

आज अचानक मैने मोबाइल में एक मैसेज देखा जो मेरे बैंक से आया था । मेरे अकाउंट से पचास हजार हिना प्रजापति के अकाउंट में खुद ब खुद ट्रांसफर हो गये थे । मैने बैंक फोन किया तो पता चला उसने बैंक में क्लेम उसी दिन कर दिया था ,जिस दिन मुझे पैसे भेजा था । बैंक के सिस्टम से पैसे वापस जाने में पंद्रह से बीस दिन लगते हैं । इस बीच में वे साइबर क्राइम वाले फोन पर प्रेशर दे देकर पिड़ित व्यक्ति से और पचास हजार भी ले लेते हैं । पता नहीं कितने हजारो लोगो के साथ ये ठगी उसने कर ली होगी ।

नोट – मैने यह रचना आपसभी को इस तरह के फ्रॉड से आगाह करने के लिए लिखी है ।

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जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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