जय श्री राधे कृष्ण …..
“देखि राम बल पौरुष भारी, हरषि पयोनिधि भयउ सुखारी, सकल चरित कहि प्रभुहि सुनावा, चरन बंदि पाथोधि सिधावा ।।
भावार्थ:– श्री राम जी का भारी बल और पौरुष देखकर समुद्र हर्षित हो कर सुखी हो गया। उसने उन दुष्टों का सारा चरित्र प्रभु को कह सुनाया । फिर चरणों की वंदना करके समुद्र चला गया……!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..