lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-318

68Views

जय श्री राधे कृष्ण …..

देखि राम बल पौरुष भारी, हरषि पयोनिधि भयउ सुखारी, सकल चरित कहि प्रभुहि सुनावा, चरन बंदि पाथोधि सिधावा ।।

भावार्थ:– श्री राम जी का भारी बल और पौरुष देखकर समुद्र हर्षित हो कर सुखी हो गया। उसने उन दुष्टों का सारा चरित्र प्रभु को कह सुनाया । फिर चरणों की वंदना करके समुद्र चला गया……!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply