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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-301

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जय श्री राधे कृष्ण …..

जनकसुता रघुनाथहि दीजे, एतना कहा मोर प्रभु कीजे, जब तेहिं कहा देन बैदेही, चरन प्रहार कीन्ह सठ तेही ।।

भावार्थ:– जानकी जी श्री रघुनाथ जी को दे दीजिए। हे प्रभु इतना कहना मेरा कीजिए । जब उस (दूत ) ने जानकी जी को देने के लिए कहा, तब दुष्ट रावण ने उसको लात मारी…. ।।

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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