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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-278

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जय श्री राधे कृष्ण …..

बिहसि दसानन पूँछी बाता, कहसि न सुक आपनि कुसलाता, पुनि कहु खबरि बिभीषन केरी, जाहि मृत्यु आई अति नेरी ।।

भावार्थ:– दसमुख रावण ने हँसकर बात पूछी – अरे शुक! अपनी कुशल क्यों नहीं कहता ? फिर उस विभीषण का समाचार सुना, मृत्यु जिसके अत्यंत निकट आ गई है…!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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