जय श्री राधे कृष्ण …..
“बिहसि दसानन पूँछी बाता, कहसि न सुक आपनि कुसलाता, पुनि कहु खबरि बिभीषन केरी, जाहि मृत्यु आई अति नेरी ।।
भावार्थ:– दसमुख रावण ने हँसकर बात पूछी – अरे शुक! अपनी कुशल क्यों नहीं कहता ? फिर उस विभीषण का समाचार सुना, मृत्यु जिसके अत्यंत निकट आ गई है…!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..