जय श्री राधे कृष्ण …..
“कह सुग्रीव सुनहु सब बानर, अंग भंग करि पठवहु निसिचर, सुनि सुग्रीव बचन कपि धाए, बांधि कटक चहु पास फिराए ।।
भावार्थ:– सुग्रीव ने कहा – सब वानरो ! सुनो, राक्षसों के अंग भंग करके भेज दो । सुग्रीव के वचन सुनकर वानर दौड़े । दूतों को बाँधकर उन्होंने सेना के चारों ओर घुमाया…….!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..