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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-226

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जय श्री राधे कृष्ण …..

एहि बिधि करत सप्रेम बिचारा, आयउ सपदि सिंधु एहिं पारा, कपिन्ह बिभीषनु आवत देखा, जाना कोउ रिपु दूत बिसेषा ।।

भावार्थ:– इस प्रकार प्रेम सहित विचार करते हुए वे शीघ्र ही समुद्र के इस पार (जिधर श्री रामचन्द्र जी की सेना थी) आ गये । वानरों ने बिभीषण को आते देखा तो उन्होंने जाना कि शत्रु का कोई खास दूत है…..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

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Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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