जय श्री राधे कृष्ण …….
“जौं आवइ मर्कट कटकाई, जिअहिं बिचारे निसिचर खाई, कंपहिं लोकप जाकीं त्रासा, तासु नारि सभीत बड़ि हासा ।।
भावार्थ:– यदि वानरों की सेना आवेगी तो बेचारे राक्षस उसे खा कर अपना जीवन निर्वाह करेंगे । लोकपाल भी जिस के डर से काँपते हैं, उस की स्त्री डरती हो, यह बड़ी हँसी की बात है……!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
