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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-173

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जय श्री राधे कृष्ण …….

सावधान मन करि पुनि संकर, लागे कहन कथा अति सुंदर, कपि उठाई प्रभु हृदयँ लगावा, कर गहि परम निकट बैठावा ।।

भावार्थ:- फिर मन को सावधान कर के शंकर जी अत्यंत सुंदर कथा कहने लगे – हनुमान जी को उठा कर प्रभु ने हृदय से लगाया और हाथ पकड़ कर अत्यंत निकट बैठा लिया. ..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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