जय श्री राधे कृष्ण …….
“नाथ काजु कीन्हेउ हनुमाना, राखे सकल कपिन्ह के प्राना, सुनि सुग्रीव बहुरि तेहि मिलेऊ, कपिन्ह सहित रघुपति पहिं चलेऊ ।।
भावार्थ:– हे नाथ! हनुमान ने ही सब कार्य किया और सब वानरों के प्राण बचा लिए । यह सुन कर सुग्रीव जी हनुमान जी से फिर मिले और सब वानरों समेत श्री रघुनाथ जी के पास चले….. ।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
