जय श्री राधे कृष्ण …….
“जौं न होत सीता सुधि पाई, मधुबन के फल सकहिं कि खाई, एहि बिधि मन विचार कर राजा, आइ गए कपि सहित समाजा ।।
भावार्थ:- यदि सीता जी की खबर न पायी होती तो क्या वे मधुवन के फल खा सकते थे ? इस प्रकार राजा सुग्रीव मन में विचार कर ही रहे थे कि समाज सहित वानर आ गए…… ।
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..
