lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-143

79Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

मातु मोहि दीजे कछु चीन्हा, जैसें रघुनायक मोहि दीन्हा, चूड़ामनि उतारि तब दयऊ, हरष समेत पवनसुत लयऊ ।।

भावार्थ:- (हनुमान जी ने कहा) हे माता! मुझे कोई चिन्ह (पहचान) दीजिये, जैसे श्री रघुनाथ जी ने मुझे दिया था । तब सीता जी ने चूड़ामणि उतार कर दी । हनुमान जी ने उसको हर्ष पूर्वक ले लिया ….!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply