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Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-139

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जय श्री राधे कृष्ण …….

तात मातु हि सुनिअ पुकारा, एहिं अवसर को हमहि उबारा, हम जो कहा यह कपि नहिं होई, बानर रूप धरें सुर कोई ।।

भावार्थ:- हाय बप्पा! हाय मैया! इस अवसर पर हमें कौन बचाएगा ? (चारों ओर) यही पुकार सुनायी पड़ रही है । हमने तो पहले ही कहा था कि यह वानर नहीं है, वानर का रुप धरे कोई देवता है…… ।।

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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