जय श्री राधे कृष्ण …….
” नाइ सीस करि बिनय बहूता, नीति बिरोध न मारिअ दूता, आन दंड कछु करिअ गोसाई, सबहीं कहा मंत्र भल भाई।।
भावार्थ:- उन्होंने सिर नवा कर और बहुत विनय कर के रावण से कहा कि दूत को मारना नही चाहिए, यह नीति के विरुद्ध है । हे गोसाईं! कोई दूसरा दण्ड दिया जाय । सबने कहा – भाई! यह सलाह उत्तम है……!!
सुप्रभात
आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..