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सुविचार-सुन्दरकाण्ड-131

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जय श्री राधे कृष्ण …….

नाइ सीस करि बिनय बहूता, नीति बिरोध न मारिअ दूता, आन दंड कछु करिअ गोसाई, सबहीं कहा मंत्र भल भाई।।

भावार्थ:- उन्होंने सिर नवा कर और बहुत विनय कर के रावण से कहा कि दूत को मारना नही चाहिए, यह नीति के विरुद्ध है । हे गोसाईं! कोई दूसरा दण्ड दिया जाय । सबने कहा – भाई! यह सलाह उत्तम है……!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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