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अयोध्या आंदोलन के हनुमान-9 – बालासाहेब ठाकरे

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बाल केशव ठाकरे (23 जनवरी 1926 – 17 नवम्बर 2012)  भारत के महाराष्ट्र प्रदेश के प्रसिद्ध राजनेता थे जिन्होने शिव सेना के नाम से एक प्रखर मराठीवादी दल का गठन किया था। उन्हें लोग बालासाहेब ठाकरे भी कहते थे। वे मराठी में सामना नामक समाचार-पत्र निकालते थे।  ठाकरे ने अपने जीवन का सफर एक कार्टूनिस्ट के रूप में शुरू किया था। पहले वे अंग्रेजी अखबारों के लिये कार्टून बनाते थे। बाद में उन्होंने सन 1960 में मार्मिक के नाम से अपना एक स्वतन्त्र साप्ताहिक अखबार निकाला और अपने पिता केशव सीताराम ठाकरेजी के राजनीतिक दर्शन को महाराष्ट्र में प्रचारित व प्रसारित किया। सन् 1966 में उन्होंने शिव सेना की स्थापना की।

मराठी भाषा में सामना के अतिरिक्त उन्होंने हिन्दी भाषा में दोपहर का सामना नामक अखबार भी निकाला। इस प्रकार महाराष्ट्र में हिन्दी व मराठी में दो-दो प्रमुख अखबारों के संस्थापक ठाकरे ही थे।  हिंदूवादी विचार के कारण वे अखबार की सुर्खियों में बने रहते थे।  17  नवम्बर 2012 को मुम्बई में अपने मातोश्री आवास पर दोपहर 3 बजकर 33 मिनट पर उन्होंने अन्तिम साँस ली।

1966  में उन्होंने महाराष्ट्र में शिव सेना नामक राजनैतिक संगठन की स्थापना की थी। हालांकि शुरुआती दौर में बाल ठाकरे को अपेक्षित सफलता नहीं मिली लेकिन अंततः उन्होंने शिव सेना को सत्ता की सीढ़ियों पर पहुँचा ही दिया। 1995 में भाजपा-शिवसेना के गठबन्धन ने महाराष्ट्र में अपनी सरकार बनाई थी। हालांकि 2005 में उनके बेटे उद्धव ठाकरे को अतिरिक्त महत्व दिये जाने से नाराज उनके भतीजे राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी थी और 2006 में अपनी नई पार्टी ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना‘ बना ली। बाल ठाकरे अपने उत्तेजित करने वाले बयानों के लिये जाने जाते थे और इसके कारण उनके खिलाफ सैकड़ों की संख्या में मुकदमे दर्ज किये गये थे।

बाल ठाकरे का विवाह मीना ठाकरे से हुआ था। उनसे उनके तीन बेटे हुए-बिन्दुमाधव, जयदेव और उद्धव ठाकरे। उनकी पत्नी मीना और सबसे बड़े पुत्र बिन्दुमाधव का 1996  में निधन हो गया।

अयोध्या में राम मंदिर… बालासाहेब ठाकरे का था सपना

एक सवाल के जवाब में बालासाहेब ठाकरे  ने कहा था, ‘मैं खुद को हीरो मानता हूं और बाबरी विध्वंस का मुझे कोई अफसोस नहीं है . बाबरी गिरना हिंदुओं के लिए गर्व की बात है और मुझे इसको लेकर कोई शर्मिं दगी नहीं है. ।’

यहां बालासाहेब ठाकरे के प्रसिद्ध विचार (कोट्स) दिए गए हैं, जिन्हें आप उनकी जयंती के अवसर पर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर कर सकते हैं। धूल चटा दो उन दुश्मनों को , जो घर में घुसकर घात करे बढ़कर आगे जीभ काट लो , जो हिंदू विरोधी बात करे।

कोर्ट को उपलब्‍ध सबूतों के आधार पर जल्‍द देना चाहिए फैसला
अयोध्‍या विवाद के समाधान में हो रही देरी पर बाल ठाकरे ने कहा था कि अदालत को सबूतों के आधार पर जल्‍द से जल्‍द फैसला कर देना चाहिए. मेरा कहना है जो भी सबूत हैं, उन्‍हीं के आधार पर फैसला सुना दिया जाए. अगर हिंदू-मुस्लिमों ने कोर्ट को अपनी-अपनी तरफ से सबूत दिए हैं तो उनमें सही और गलत का फैसला कर विवाद का समाधान कर दिया जाना चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि आप मुस्लिम विरोधी हैं तो उन्‍होंने कहा, ये सही नहीं है. ये पूरी तरह से गलत आरोप है. मैं मुस्लिमों के खिलाफ नहीं हूं. बंटवारे के समय जो पाकिस्‍तान जाने वाले गए और जो यहां रह गए हैं, वे हमारे अपने हैं.
भारतीय मुस्लिमों से नहीं बांग्‍लादेशी घुसपैठियों से है दिक्‍कत
ठाकरे ने कहा था कि उन्‍हें घुसपैठियों से दिक्‍कत है. ये घुसपैठिए ही भारत में धर्म के नाम पर घृणा फैलाते हैं. यही लोग देश में सांप्रदायिक दंगे भी भड़काते हैं. ये घुसपैठिए मुस्लिमों को भड़काकर भग जाते हैं और गरीब मासूमों को मरने के लिए छोड़ जाते हैं. दंगों में मरने वालों का घुसपैठियों के मंसूबों से कोई लेनादेना नहीं होता. बांग्‍लादेश से लाखों मुस्लिम भारत में क्‍यों घुस रहे हैं. हम क्‍यों उनका बोझ ढोएं. ये गैरकानूनी तरीके से भारत में घुसने वाले बांग्‍लादेशी नागरिक ही भारतीय मुस्लिमों की छवि खराब कर रहे हैं. यही विदेशी घुसपैठिए उग्रवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. भारतीय मुसलमान इसमें शामिल नहीं हैं.

एक सवाल के जवाब में बालासाहेब ठाकरे  ने कहा था, ‘मैं खुद को हीरो मानता हूं और बाबरी विध्वंस का मुझे कोई अफसोस नहीं है . बाबरी गिरना हिंदुओं के लिए गर्व की बात है और मुझे इसको लेकर कोई शर्मिं दगी नहीं है. ।’


अयोध्या में राम मंदिरबालासाहेब ठाकरे का था सपना

ऐसे रामभक्त हनुमान को नमन….

जय श्रीराम

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

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