विनय कटियार (जन्म 11 नवंबर 1954) [1] एक राजनीतिज्ञ और भारत में हिंदू राष्ट्रवादी संगठन विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की युवा शाखाबजरंग दल के संस्थापक- अध्यक्ष हैं । उन्होंने भारतीयजनतापार्टी (भाजपा) के खिल भारतीय महासचिव और लोकसभा और राज्यसभा दोनों में संसद सदस्य के रूप में कार्य किया है । कटियार का जन्म देवी चरण कटियार और श्याम काली के घर कानपुर में हुआ था । उनके पास कानपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य में स्नातक की डिग्री है । कटियार ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत संघ परिवार की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से की थी। वह 1970 से 1974 तक एबीवीपी की उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के आयोजन सचिव और 1974 में जयप्रकाश नारायण के बिहार आंदोलन के संयोजक थे। वह 1980 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक (पूर्णकालिक कार्यकर्ता) बन गए। उन्होंने 1982 में हिंदू जागरण मंच की स्थापना की। 1984 में, उन्हें राम जन्मभूमि आंदोलन का समर्थन करने के लिए नए युवा संगठन बजरंग दल को शुरू करने के लिए चुना गया। बाद में, कटियार ने 2002 से 18 जुलाई 2004 तक भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य इकाई के अध्यक्ष और 2006 तक भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्य किया ।
अयोध्या कांड में विनय कटियार की एंट्री साल 1984 में हुई थी. कटियार उस वक्त राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक सदस्य थे और संघ ने उन्हें बजरंग दल की कमान सौंपी थी. कटियार बजरंग दल के पहले अध्यक्ष भी थे, क्योंकि इस संगठन की स्थापना 1984 में ही हुई थी । बजरंग दल की स्थापना संघ और विश्व हिंदू परिषद ने की थी. संगठन की स्थापना के दो मुख्य उद्देश्य थे-
- साल 1984 में कांग्रेस काफी मजबूत स्थिति में थी और उस वक्त तक आरएसएस पर 2 बार बैन लग चुके थे. संघ किसी भी ऐसे में काम में शामिल होने से बच रहा था, जिससे बैन लगने का खतरा बढ़ जाए, लेकिन हिंदुत्व के मुद्दे को आगे भी बढ़ाना था.
- बजरंग दल के संस्थापक अध्यक्ष विनय कटियार ने एक इंटरव्यू में कहा था, संगठन की स्थापना का मुख्य उद्धेश्य मठ-मंदिरों पर से कब्जा हटवाना था. कटियार के मुताबिक बजरंग दल ने शुरुआत में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद मामले पर फोकस किया.
बजरंग दल की स्थापना के कुछ ही महीने बाद विनय कटियार के नेतृत्व में राम मंदिर आंदोलन को धार देना शुरू किया गया. 1986 आते-आते अयोध्या के आसपास बजरंग दल की तूती बोलने लगी. अखबार के पन्नों पर रोज-रोज विनय कटियार की खबरें छपने लगी और देखते-ही-देखते कटियार अयोध्या कांड के फायरब्रांड नेता बनकर उभरे.
मैं हीरो हूं और बाबरी विध्वंस गर्व की बात है: यूपी बीजेपी के अध्यक्ष बनने के बाद विनय कटियार ने पहली बार अयोध्या विवाद पर खुलकर मीडिया से बात की थी. इंडिया टुडे मैगजीन से बात करते हुए उन्होंने राम मंदिर जन्मभूमि को लेकर कई सवालों के जवाब दिए थे । कटियार के मुताबिक जन्मभूमि विवाद कांग्रेस सुलझा सकती थी, लेकिन पार्टी ने नहीं सुलझाया । एक सवाल के जवाब में कटियार ने कहा था, ‘मैं खुद को हीरो मानता हूं और बाबरी विध्वंस का मुझे कोई अफसोस नहीं है. बाबरी गिरना हिंदुओं के लिए गर्व की बात है और मुझे इसको लेकर कोई शर्मिंदगी नहीं है.’
ऐसे रामभक्त हनुमान को नमन….
जय श्रीराम
