lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-60

125Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

एहि बिधि सो दच्छिन दिसि जाई, लंका मनहुँ बिभीषन पाई, नगर फिरी रघुबीर दोहाई, तब प्रभु सीता बोलि पठाई……!!

भावार्थ :– इस प्रकार से वह दक्षिण (यमपुरी की) दिशा को जा रहा है और मानो लंका विभीषण ने पाई है । नगर में श्री राम चंद्र जी की दुहाई फिर गई । तब प्रभु ने सीता जी को बुला भेजा…..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply