lalittripathi@rediffmail.com
Quotes

सुविचार-सुन्दरकाण्ड-44

113Views

जय श्री राधे कृष्ण …….

पुनि सब कथा बिभीषन कही, जेहि बिधि जनकसुता तहं रही, तब हनुमंत कहा सुनु भ्राता, देखी चहउँ जानकी माता ….!!

भावार्थ:- फिर विभीषण जी ने श्री जानकी जी जिस प्रकार वहां (श्रीलंका में) रहती थीं, वह सब कथा कही । तब हनुमान जी ने कहा, हे भाई! सुनो मैं जानकी माता को देखना चाहता हूँ …..!!

सुप्रभात

आज का दिन प्रसन्नता से परिपूर्ण हो..

Lalit Tripathi
the authorLalit Tripathi
सामान्य (ऑर्डिनरी) इंसान की असमान्य (एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी) इंसान बनने की यात्रा

Leave a Reply